बुधवार, 1 सितंबर 2021

अगरबत्ती में परफ्यूम कैसे मिक्स करें

 

अगरबत्ती खुशबूदार बनाने के लिए उसे परफ्यूम मे डुबाया माने डीप किया जाता है। आइए जानते हैं की अगरबत्ती खुशबूदार बनाने के लिए यह डीपींग फार्मूला क्या है। अगरबत्ती का डिपिंग रेशों जानने के लिए हमें पहले परफ्यूम को mix करने का गुणोत्तर जानना आवश्यक है।

 सुगंधित अगरबत्ती बनाने के लिए हमें परफ्यूम की मदद लेनी पड़ती है। साधी काली अगरबत्ती परफ्यूम में डुबोने से सुगंधित बन जाती है। यह परफ्यूम हम घर में भी बना सकते हैं; या बाजार में कई कंपनियां परफ्यूम बनाती है; उसमें से मनचाहा परफ्यूम हम खरीद कर ला सकते हैं। इस  परफ्यूम को डीइपी या वाईट ऑयल में मिलाकर कम से कम 48 घंटे रखना चाहिए। जितना ज्यादा समय यह घोल रखा जाएगा उतना ही  परफ्यूम  इसमें अच्छे से मिल जाएगा।

डिइपी और वाईट ऑइल क्या है?

 डीइपी माने डाइइथाइल  फॅटेलेट। यह एक ईस्टर होता है। यह बिना खुशबू का पानी जैसे दिखने वाला रसायन है। गन्ने का यह बाय प्रोडक्ट है। इसका घनत्व पानी से भी ज्यादा होता है। इसलिए यह पानी में घुलता नहीं है। इसमे  mix  किया परफ्यूम कई दिनो तक खुशबूदार रहता है।

कई अगरबत्ती बनाने वाले वाइट ऑयल में भी  परफ्यूम मिलाकर अगरबत्ती को सुगंधित करते हैं। इसे लाइट लिक्विड पैराफिन कहा जाता है। यह एक पेट्रोलियम पदार्थ से बना प्यूरीफाइड लिक्विड सैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन होता है। यह भी पारदर्शी और स्वादहीन होता है।  यह सामान्य  तापमान मे  गंधहीन होता है। लेकिन थोड़ा तापमान बढ़ने से इसमें से हमें पेट्रोलियम जैसी गंध आने लगती है। इसका उपयोग अगरबत्ती परफ्यूम के अलावा औषधी, वस्त्रोद्योग, कृषि, रसायन ,पेपर उद्योग आदि में भी किया जाता है। यह डीइपी से  काफी सस्ता होता है। लेकिन इससे बना अगरबत्ती परफ्यूम 15 दिन के बाद उतना असरदार खुशबू नहीं देता। कम समय में उपयोग में लाई जाने वाली अगरबत्ती  इससे बने परफ्यूम में  डिप की जा सकती है। वाइट ऑयल से बनी अगरबत्ती का परफ्यूम डीइपी से बने अगरबत्ती के परफ्यूम की तुलना में जल्दी ही उङ जाता है।

 परफ्यूम की मदद से सस्ती अगरबत्ती बनाने के उपाय।


‘साधारण परफ्यूम पीने वाले अगरबत्ती पावडर ’ से बनी काली अगरबत्ती को इस्तेमाल कर हम सस्ती अगरबत्ती का प्रोडक्शन कर सकते हैं। इसके बारे मे अधिक  जानकारी  ‘प्रीमिक्स पावडर कैसे बनाये?इस प्रकरणमे हमने ली है।

सस्ती अगरबत्ती के लिए  हमें परफ्यूम को सस्ता बनाना पड़ता है। पहले तो आप डीइपी की जगह वाइट ऑयल का उपयोग करे।  जहाँ डीइपी ₹130 kg है, वहीं वाइट ऑयल ₹60 लीटर है।   यह ध्यान रखें कि वाइट ऑयल में प्योर परफ्यूम नीचे जा बैठता है। इसे हमेशा हिलाते रहना पड़ता है। इसे लकड़ी से अच्छा घोलने पर ही अगरबत्ती को डीप करें। इससे बनी अगरबत्ती हमे काफी सस्ती मीलती है। लेकिन उसकी खुशबु का फैलाव बहुत कम होता है। सार्वजनिक उत्सव के दौरान सस्ती अगरबत्ती की काफी मात्रा में डिमांड बढ़ती है। उस समय इस तरह की अगरबत्ती का निर्माण कई जगह किया जाता है।

 अगरबत्ती में परफ्यूम कैसे मिक्स करे? 

             इसकी जानकारी लेते समय हमें परफ्यूम की जानकारी लेना बहुत जरूरी होता है।  अगरबत्ती परफ्यूम क्या है? वे कैसा होता है? इसकी जानकारी लेने के बाद  ही हम अच्छी तरह से अगरबत्ती  में सुगंध को मिला सकते हैं।

  सबसे पहले हम अगरबत्ती परफ्यूम  क्या होता है ये समझ लेते हैं। आम इत्र से अगरबत्ती परफ्यूम थोड़ा अलग होता है। शरीर पर लगने वाले इत्र ज्यादातर एसेंशियल ऑयल से बनते हैं। कुछ इत्र केमिकल से भी बनाए जाते हैं। लेकिन ज्यादातर परंपरागत इत्र असेंशियल ऑइल से ही बनते हैं। एसेंशियल ऑयल माने किसी नैसर्गिक सुगंध वाली वस्तु का तेल। उदाहरण के लिए गुलाब की पंखुड़ियोंका डिस्टिलेशन पद्धति से तेल निकालकर   उसका सुगंध के लिए उपयोग किया जाता है। यह तेल काफी सुगंधित होता है। लेकिन इसको निकालना काफी महंगा होता है। इस लागत को देखते हुए इसका उत्पादन बहुत कम होता है। इसलिए यह तेल काफी महंगा होता है। जैसे चन्दन के तेल की  कॉस्ट पांच ग्राम के लिए ₹7000 है। और यह बढ़ती रहती है। 

अगरबत्ती परफ्यूम  बनाने के लिए इसेंशिअल ऑयल का उपयोग बहुतही कम होता है। अगरबत्ती परफ्यूम बनाने के लिए ज्यादातर एरोमा केमिकल्स का उपयोग किया जाता है। यह केमिकल रसायन शास्त्रियों द्वारा लैबोरेट्री में बनाए गए हैं जोकि एसेंशियल ऑयल जैसी खुशबू देते हैं। इनकी कीमत भी काफी कम होती है। चंदन की खुशबू एरोमा केमिकल में 500₹ kg से लेकर 5000₹ kg तक है।

 इस वजह से अगरबत्ती परफ्यूम काफी सस्ते होते हैं।  बाजार में कई कंपनियों के बने बनाए परफ्यूम अलग अलग नामों से उपलब्ध हैं। हम घर में भी परफ्यूम बना सकते हैं। अपने बने हुए परफ्यूम खास खुशबू वाले बन सकते हैं, जो कि बाजार में आपके सिवा और कहीं नहीं मिल सकते।

 अब हम कच्ची अगरबत्ती और परफ्यूम की इकोनॉमी को समझते हैं।

  1 kg प्योर परफ्यूम में साधारण तौर पर 4 kg डीइपी मिलाई जानी चाहिए।  अगरबत्ती और खुशबूदार बनाने के लिए डीइपी की मात्रा 3 kg से लेकर 2 kg तक कम कर सकते हैं; लेकिन उसमें अगरबत्ती की प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ जाती है। हम यहाँ आसानीसे  समझने के लिए 1 kg  परफ्यूम में 4 kg डीइपी मिलाने की बात लेकर चलते हैं।

 हम गर मोगरे की खुशबू वाली अगरबत्ती बना रहे हैं; तो बाजार से 500 ₹ किलो वाला किसी भी कंपनी का मोगरा परफ्यूम खरीदकर लाऐ । उसमे  4kg डीइपी मिलाते हैं। तो हमारा कुल 5 kg परफ्यूम बन जाता है। अब हमें इसी परफ्यूम से कम खुशबू वाली,  साधारण खुशबू वाली और ज्यादा खुशबू वाली अगरबत्ती बनानी है।

 कम खुशबू वाली अगरबत्ती के लिए हमें कम परफ्यूम पीने वाली कच्ची अगरबत्ती का इस्तेमाल करना है। जिसमें कोयला अधिक है और भूसा कम है। यह 1 किलो अगरबत्ती हम इस मोगरा परफ्यूम में डूबोए तो 200 ग्राम परफ्यूम पी लेती है। इस हिसाब से हमें 1kg बने हुए मोगरा परफ्यूम से 6kg  मोगरा अगरबत्ती मिलेगी। माने 5kg कच्ची अगरबत्ती  1 kg मोगरा परफ्यूम पी लेगी। तो कुल मिलाकर 6kg मोगरा अगरबत्ती बनेगी।

 हम यदि साधारण खुशबू वाली अगरबत्ती बनाना चाहते हैं तो हमें साधारण परफ्यूम पीने वाली कच्ची अगरबत्ती का उपयोग करना चाहिए। इस अगरबत्ती में कोयला पावडर और भूसा बराबर का मिलाया जाता है।  यह 1kg अगरबत्ती 300 ग्राम तक परफ्यूम पी लेती है। इस हिसाब से 900 ग्राम मोगरा परफ्यूम से 3 किलो 900 ग्राम मोगरा  अगरबत्ती बनती है। और हमारा 100 ग्राम परफ्यूम बचता है। माने 3KG कच्ची अगरबत्ती 900 ग्राम परफ्यूम पी लेती है।

 गर हम ज्यादा खुशबू वाली अगरबत्ती बनाना चाहते हैं; तो हमें ज्यादा परफ्यूम पीने वाली अगरबत्ती उपयोग में लानी पड़ेगी। इस अगरबत्ती के प्रीमिक्स पावडर में भूसा  कोयला पाउडर से ज्यादा मिलाया जाता है। यह 1 kg कच्ची अगरबत्ती साधारणतः 500 ग्राम परफ्यूम पी लेती है। माने 1kg मोगरा परफ्यूम से हमें मोटे तौर पर अगर अगरबत्ती 500 ग्राम परफ्यूम पी रही है तो 3 kg मोगरा अगरबत्ती बनेगी। 1 kg मोगरा परफ्यूम के लिए 2 kg कच्ची अगरबत्ती लगेगी और कुल 3 kg मोगरा अगरबत्ती बनेगी।

 अगरबत्ती को परफ्यूम करने का सबसे आसान तरीका

बने हुए परफ्यूम में कच्ची अगरबत्ती को ऊपर के सिरे से डुबोना चाहिए। अगरबत्ती आधे से थोड़ी ज्यादा इस परफ्यूम में डुबोकर 5 सेकंड पकड़ कर रखनी चाहिऐ। हमें परफ्यूम में एयर बबल दिखेंगे। इसका मतलब  अगरबत्ती परफ्यूम पी रही है। तुरंत ही अगरबत्ती को परफ्यूम से बाहर निकाल कर हाथ से पकडा हुआ लकड़ी वाला हिस्सा नीचे और परफ्यूम से भीगा हुआ हिस्सा ऊपर इस तरह ट्रे  में खडा रखना चाहिए। ट्रे को आधे घंटे के लिए ढक कर रखने से अगरबत्ती का बचा हुआ हिस्सा भी परफ्यूम से भीग जाएगा।  अगरबत्ती का परफ्यूम भी हवा में उड़ जाने से बचता है। अब हमारी अगरबत्ती पैकिंग के लिए तैयार है। यह काम करते समय  चेहरे पर मास्क और हाथों में दस्ताने होना जरूरी है।

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