सोमवार, 13 सितंबर 2021

लोबान perfume formula और लोबान मसाला बत्ती क्या है?

 

 धुआंधार, मीठी, मन को तरोताजा करने वाली खुशबू हमें लोबान से मिलती है। सभी लोगों की लोबान पसंदीदा अगरबत्ती है। सार्वजनिक स्थलों पर कहीं कोने में भी लोबान अगरबत्ती जलती रहे तो दूर से ही उसकी खुशबू आकर्षित कर लेती है। हम यहां लोबान अगरबत्तीका परफ्यूम कैसे बनाएं इसका फार्मूला सीखने वाले हैं। साथ ही साथ मसाला लोबान अगरबत्तीका फार्मूला भी हम यहां सीखने वाले हैं।

इस प्रकरण में हम

·        लोबान अगरबत्ती क्या है?

·        लोबान परफ्यूम perfume के क्या फायदे हैं?

·        मसाला  लोबान अगरबत्ती का फार्मूला formula क्या है?

 आदि  के बारे में जानकारी लेंगे।

लोभान अगरबत्ती क्या है?

 लोभान   ये स्टाइरिस्क styrax  जाति के पेड़ से निकला हुआ गोंद होता है।  लोभान को  रिजोनाइट बेंजोइन resinoid benzoin भी कहते हैं।  इसे दक्षिण भारत में सांभराणी या लोबान के नाम से जाना जाता है।

लोबान की मीठी  वॅनीला जैसी खुशबू  मन को मोह लेती है। लोबान सारी दुनिया में और सारे समुदायों में  पसंद किया जाता है लोबान का उपयोग औषधि, सौंदर्य प्रसाधन और परफ्यूम  में किया जाता है। स्वास्थ्य के लिए लोबान  की खुशबू  एंटीडिप्रेसेंट का काम करती है।  यह जाना माना जंतु नाशक भी है। लोबान की खुशबू  फेफड़ों की कई दुर्धर बीमारियों को दूर करने में सहायक होती है।  लोबान  का धुआ  सांसो मे  छाती भरकर  लेने से फेफड़े और श्वसन नलिका जंतु विरहित हो जाती है।

लोबान का परफ्यूम फार्मूला


आइए जानते हैं लोबान का सिकरेट परफ्यूम फार्मूला क्या है? इस फार्मूले की  मदद से आप खुशबूदार, कई घंटों तक लोबान की खुशबू देने वाले परफ्यूम को बना सकेंगे। यह सस्ता और सरल लोबान का परफ्यूम फार्मूला आपकी अगरबत्ती की खुशबू को दूर तक फैलाएगा।

1.     लोबान resinoid benzoin liquid 100 ग्राम

2.     C-16 20 ग्राम

3.     अल्फा एमआईल सिनेमिक एल्डिहाइड 25 ग्राम

4.     यारा यारा पावडर 100 ग्राम

5.     वैनिला पावडर 60 ग्राम

6.     डीइपी 700 ग्राम

 

इस लोबान परफ्यूम के हर एक इनग्रेडिएंट्स की विशेषताएं हम देखेंगे।

 रिजोनाइट बेंजोइन

 जिसे हम लिक्विड लोबान कहते हैं। इसमें रिजोनाइट ऑलबीमम, रिजोनाइट स्टारएक्स आदि प्रकार भी आते हैं। हमें परफ्यूम में रिजोनाइट बेंजोइन का इस्तेमाल करना है। इसकी मीठी, वॅनीला जैसी खुशबू होती है।  रेजोनाइट स्टारएक्स यह काला गाढा और कड़वी खुशबू वाला लोबान होता है। परफ्यूम में इसका इस्तेमाल कम ही किया जाता है। हालांकि यह भी काफी असरदार लोबान का प्रकार है। रिजोनाइट  बेंजाइन चॉकलेटी रंग का गाढ़ा  होता है। यह खुले बाजार में ₹500 kg के दर पर मिलता है। लेकिन 5 किलो के नीचे इसके दाम और बढ़ जाते हैं।

वैनिला पावडर

यह एक सफेद पावडर होता है।  इसमें मीठी मादक खुशबू होती है। यह फेनोलिक एल्डिहाइड होता है। इस का मॉलीक्यूलर फॉर्मूला C8H8O3 है। यह बाजार में आजकल 1600 रुपए किलो के दाम से मिल जाता है। अभी  नए स्वरूप में भी वैनिला मिल रहा है। वह पेट्रोकेमिकल guaiacol  से बनाया जा रहा है। इसकी खुशबू भी मीठी और मादक होती है। यह वैनिला पावडर फिनौलीक  अल्डीहाइड से सस्ता होता है।

अल्फा एमाइल सिनेमिक अल्डीहाइड

 यह एक पीले रंग का रसायन है । भारतीय मसालों में इस्तेमाल होने वाली दालचीनी या कलमी से प्राप्त सिनेमम से यह बनाया जाता है। कलमी से बनी इस एल्डिहाइड से कलमी माने सिनेमम की खुशबू आती है। लोबान में भी सिनेमम की  थोड़ी मात्रा होती है। अल्फा अमाइल सिनिमम अल्डीहाइड लोबान के सिनेमम को और बढ़ावा देता है। यह नैसर्गिक जंतुनाशक औषधि भी  है। इस वजह से लोबान अगरबत्ती में वह चार चांद लगा देता है। यह मच्छरों के लारवा का भी नाश करने में असरदार होता है।  आजकल इसकी बाजार में ₹800 किलो कीमत है।

यारा यारा पावडर

यह पावडर सफेद बारिक पतले छिलके जैसी रहता है।  इस पावडर से मीठी संतरे जैसी खुशबू आती है। यह अल्कोहल में जल्दी और अच्छे से घुल जाता है। डीइपी में भी यह  मिक्स हो जाता है। टेलकम पावडर, शैंपू, हेयर कंडीशनर आदि उत्पादन  में यारा यारा का उपयोग किया जाता है। यारा यारा पावडर का रासायनिक नाम बीटा  napethyl इथर है। यह ठीक ढंग से स्टोर करके रखे जाने पर 36 महीने तक असरदार रहता है।

C -16

 इसे स्ट्रॉबेरी का अल्डीहाइड भी कहा जाता है। यह बनता भी स्ट्रॉबेरी से ही है।  मीठी, बांसी खुशबू एक  मादकता पैदा करती है। शराब की गंध की एक झलक इससे पता चल सकती है। इसका  रासायनिक नाम इथाइल मिथाइल फेनाइल ग्लाइसिडेट है। यह परफ्यूम, कॉस्मेटिक आदी में उपयोग किया जाता है। लोबान परफ्यूम में यह एक मादकता जो खूब समय तक खींचे रखती है; पैदा करता है। यह  नैसर्गिक  स्ट्रॉबेरी से बनने के कारण लोबान परफ्यूम में इसका स्वास्थ्यवर्धक फायदा हमें दिखाई देता है।

लोबान परफ्यूम कैसे बनाएं?

लोबान परफ्यूम बनाने के लिए जिन पदार्थों को पहले  मिलाया जाना चाहिए उसकी जानकारी लेते हैं।

सर्वप्रथम जार में 100 ग्राम लोबान रिजोनाइट बेंजाइन और 25 ग्राम C-16 और 25 ग्राम अल्फा एमआईल सिनेमम   अल्डीहाइड डालें। इस तीनों लिक्विडमे  हमे 100 ग्राम यारा यारा पावडर और 60 ग्राम वैनिला पावडर डालना हैं।   310 ग्राम  गाढ़ा मिश्रण तैयार होगा। तुरंत ही 700 ग्राम डीइपी डालें। इसके बाद मिश्रण को पूरा घुलने तक अच्छे से हिलाए। मिश्रण का तापमान काफी ठंडा हो जाता है। अब इस परफ्यूम को 48 घंटे अच्छे से तैयार होने के लिए रख दें।

यहां हमने 1 किलो लोबान अगरबत्ती परफ्यूम बनाया है। यहा इनग्रेडिएंट्स की मात्रा 1 किलो परफ्यूम के हिसाब से बताई गई है।  हमें जितना ज्यादा लोबान अगरबत्ती परफ्यूम बनाना है उस हिसाब से हम परफ्यूम के इनग्रेडिएंट्स की मात्राएं बढ़ा सकते हैं।

48 घंटे के बाद हम इसमें अगरबत्ती डीप कर सकते हैं। लोबान की मीठी मादक और  स्वास्थ्यवर्धक खुशबू हमें जरूर मोह लेगी।

 

लोबान मसाला बत्ती कैसे बनाएं?

लोबान मसाला बत्ती को लोग काफी पसंद करते हैं। लोबान मसाला अगरबत्ती बनाने का तरीका सीखने से पहले हमें  इसके लिए जो परफ्यूम लगता है वह बनाने की विधि समझनी होगी।

 लोबान मसाला अगरबत्ती में लोबान परफ्यूम और रिजोनाइट बेंजाइन लोबान पावडर दोनों का उपयोग होता है। इसीलिए लोबान मसाला अगरबत्ती काफी असरदार और पसंदीदा की जाती है। आइए पहले लोबान मसाला बत्ती के लिए परफ्यूम कैसे बनाएं यह जाने। हमने लोबान परफ्यूम बनाने के समय जो इंग्रेडिएंट्स लिए थे वही इनग्रेडिएंट्स लोबान मसाला बत्ती परफ्यूम बनाते समय लेने हैं। लेकिन इसमे डीइपी की मात्रा काफी कम लेनी है।

लोबान मसाला अगरबत्ती परफ्यूम इनग्रेडिएंट्स

·        रिजोनाइट बेंजोइन /लोबान 150 ग्राम

·        वैनिला पावडर 100 ग्राम

·        अल्फा एमाइल सिनेमिक अल्डीहाइड 25 ग्राम

·        C 16  50 ग्राम

·        यारा यारा पावडर 100 ग्राम

·        डीइपी 200 ग्राम

 इन सारे इनग्रेडिएंट्स को मिलाकर 48 घंटे के लिए रख देना है। बीच-बीच में मिश्रण को हिलाते रहने की जरूरत है। वैनिला और यारा यारा पावडर अच्छे से घुल जाए तब तक हमें इसे हिलाते रहना है। 48 घंटे मैच्योर होने बाद  लोबान मसाला बत्ती परफ्यूम इस्तेमाल में लाया जा सकता है। यह काफी गाढ़ा मिश्रण तैयार हो जाता है। यह गाढ़ा होने की वजह से इसकी बाष्पन गति  या इवेपरेशन होने की स्पीड कम हो जाती है। इस वजह से लोबान मसाला बत्ती में हमेशा ही बिना जलाए खुशबू आते रहती है।

लोबान मसाला बत्ती बनाने का फार्मूला

लोबान मसाला बत्ती में सबसे इंपॉर्टेंट लोबान पावडर होती है।  रेजोनाइट  बेंजोइन की पावडर बनाकर उसे मसाला बत्ती में डाला जाता है।  इसीलिए यह अगरबत्ती स्वास्थ्यवर्धक भी होती है। बेंजोइन की पावडर बाजार में आसानी से मिल जाती है।

 इसमें भी सस्ती और उचे क्वालिटी की पावडर मिलती है।  यह पावडर भूरे रंग की होती है।

  लोबान मसाला अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर के लिए इनग्रेडिएंट्स।

·        लकड़ी का भूसा 500 ग्राम।

·        कोयला 500 ग्राम।

·        लोबान परफ्यूम 100 ग्राम।

·        लोबान पावडर रेजोनाइट बेंजाइन 1 केजी।

·        ग्वार गम अच्छी क्वालिटी 50 ग्राम।

·         बर्निंग पावडर पोटेशियम नाइट्रेट 20 ग्राम।

 

मसाला लोबान अगरबत्ती बनाने का तरीका

पहले लकड़ी के भूसे को छान लें।  उसमें ग्वार गम डाले। उसे अच्छी तरह मिला ले। भूसा और गवार गम मिलाने का तरीका हमने ‘प्रीमिक्स पावडर का फॉर्मूला’ इस प्रकरण में देखा है। ग्वार गम और भूसे के मिश्रण  मैं अब लोबान परफ्यूम मिलाएं। परफ्यूम जब तक सारा भूसा पीन न ले तब तक मिलाते रहे।

 मसाला लोबान अगरबत्ती में भूसा मिलाने का यही कारण है कि वह ‘लोबान परफ्यूम’ पीले और अगरबत्ती जलाने पर उसकी सही खुशबू फैले।  लकड़ी के भुसे की कोशिकाओं में परफ्यूम सोक लिया जाता है। और भूसा परफ्यूम को पकड़ के रखता है।

 मिश्रण में परफ्यूम मिलाने के बाद उसमें कोयला पावडर मिलाएं। कोयला पावडर मे परफ्यूम वाला भूसा तब तक मिलाते रहे जब तक कोयला पाउडर भी परफ्यूम पूरी तरह अपने अंदर सोक न ले। इस मिश्रण में आखरी में लोबान पावडर मिलाएं। यह पावडर काफी चिकनी होती है। इसीलिए जब तक इस प्रीमिक्स पावडर का रंग सिल्वटी ना हो तब तक इसे मिलाते रहे। कोयले का कालापन और लोबान पावडर की सफेदी इन दोनों से सिल्वटी रंग तैयार हो जाता है। जब तक पूरा पावडर ग्रे कलर का न दिखे तब तक इसे मिलाते रहे।

 काली अगरबत्ती के प्रीमिक्स पाउडर को भिगाने के लिए हम 700 ग्राम पानी लेते हैं। लोबान अगरबत्ती के प्रीमिक्स पावडर को भीगाने के लिए हमें कम पानी लेना पड़ता है। लोबान पावडर नेचुरल गम से बना होता है। इसमें पानी ज्यादा पड़ने पर चिक्की बन सकती है। इसीलिए एक kg लोबान प्रीमिक्स पावडर के लिए 500 ग्राम पानी का ही प्रयोग करें।  समय समय पर आवश्यकता पड़ने पर हम पानी और डाल सकते हैं। लेकिन शुरुआत 500 ग्राम पानी से करनी चाहिए। 500 ग्राम पानी में शुरू में ही 1 किलो के लिए 10 ग्राम पोटेशियम नाइट्रेट पावडर जिसे बर्निंग पावडर भी कहा जाता है मिला ले।  वह अच्छी तरह घुलने के बाद उसी पानी से लोबान प्रीमिक्स पावडर को भिगोए। अब इस गीले प्रीमिक्स पावडर से मशीन पर हम लोबान अगरबत्ती बना सकते हैं।  लोबान अगरबत्ती के लिए मशीन का डाई थोड़ा बड़ा होना चाहिए। ताकि लोबान की खुशबू ज्यादा देर तक बिखरी  रहे।

 याद रहे यह सारी प्रक्रिया करते समय चेहरे पर मास्क और हाथ में दस्ताने जरूर पहने।

 

बुधवार, 1 सितंबर 2021

अगरबत्ती में परफ्यूम कैसे मिक्स करें

 

अगरबत्ती खुशबूदार बनाने के लिए उसे परफ्यूम मे डुबाया माने डीप किया जाता है। आइए जानते हैं की अगरबत्ती खुशबूदार बनाने के लिए यह डीपींग फार्मूला क्या है। अगरबत्ती का डिपिंग रेशों जानने के लिए हमें पहले परफ्यूम को mix करने का गुणोत्तर जानना आवश्यक है।

 सुगंधित अगरबत्ती बनाने के लिए हमें परफ्यूम की मदद लेनी पड़ती है। साधी काली अगरबत्ती परफ्यूम में डुबोने से सुगंधित बन जाती है। यह परफ्यूम हम घर में भी बना सकते हैं; या बाजार में कई कंपनियां परफ्यूम बनाती है; उसमें से मनचाहा परफ्यूम हम खरीद कर ला सकते हैं। इस  परफ्यूम को डीइपी या वाईट ऑयल में मिलाकर कम से कम 48 घंटे रखना चाहिए। जितना ज्यादा समय यह घोल रखा जाएगा उतना ही  परफ्यूम  इसमें अच्छे से मिल जाएगा।

डिइपी और वाईट ऑइल क्या है?

 डीइपी माने डाइइथाइल  फॅटेलेट। यह एक ईस्टर होता है। यह बिना खुशबू का पानी जैसे दिखने वाला रसायन है। गन्ने का यह बाय प्रोडक्ट है। इसका घनत्व पानी से भी ज्यादा होता है। इसलिए यह पानी में घुलता नहीं है। इसमे  mix  किया परफ्यूम कई दिनो तक खुशबूदार रहता है।

कई अगरबत्ती बनाने वाले वाइट ऑयल में भी  परफ्यूम मिलाकर अगरबत्ती को सुगंधित करते हैं। इसे लाइट लिक्विड पैराफिन कहा जाता है। यह एक पेट्रोलियम पदार्थ से बना प्यूरीफाइड लिक्विड सैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन होता है। यह भी पारदर्शी और स्वादहीन होता है।  यह सामान्य  तापमान मे  गंधहीन होता है। लेकिन थोड़ा तापमान बढ़ने से इसमें से हमें पेट्रोलियम जैसी गंध आने लगती है। इसका उपयोग अगरबत्ती परफ्यूम के अलावा औषधी, वस्त्रोद्योग, कृषि, रसायन ,पेपर उद्योग आदि में भी किया जाता है। यह डीइपी से  काफी सस्ता होता है। लेकिन इससे बना अगरबत्ती परफ्यूम 15 दिन के बाद उतना असरदार खुशबू नहीं देता। कम समय में उपयोग में लाई जाने वाली अगरबत्ती  इससे बने परफ्यूम में  डिप की जा सकती है। वाइट ऑयल से बनी अगरबत्ती का परफ्यूम डीइपी से बने अगरबत्ती के परफ्यूम की तुलना में जल्दी ही उङ जाता है।

 परफ्यूम की मदद से सस्ती अगरबत्ती बनाने के उपाय।


‘साधारण परफ्यूम पीने वाले अगरबत्ती पावडर ’ से बनी काली अगरबत्ती को इस्तेमाल कर हम सस्ती अगरबत्ती का प्रोडक्शन कर सकते हैं। इसके बारे मे अधिक  जानकारी  ‘प्रीमिक्स पावडर कैसे बनाये?इस प्रकरणमे हमने ली है।

सस्ती अगरबत्ती के लिए  हमें परफ्यूम को सस्ता बनाना पड़ता है। पहले तो आप डीइपी की जगह वाइट ऑयल का उपयोग करे।  जहाँ डीइपी ₹130 kg है, वहीं वाइट ऑयल ₹60 लीटर है।   यह ध्यान रखें कि वाइट ऑयल में प्योर परफ्यूम नीचे जा बैठता है। इसे हमेशा हिलाते रहना पड़ता है। इसे लकड़ी से अच्छा घोलने पर ही अगरबत्ती को डीप करें। इससे बनी अगरबत्ती हमे काफी सस्ती मीलती है। लेकिन उसकी खुशबु का फैलाव बहुत कम होता है। सार्वजनिक उत्सव के दौरान सस्ती अगरबत्ती की काफी मात्रा में डिमांड बढ़ती है। उस समय इस तरह की अगरबत्ती का निर्माण कई जगह किया जाता है।

 अगरबत्ती में परफ्यूम कैसे मिक्स करे? 

             इसकी जानकारी लेते समय हमें परफ्यूम की जानकारी लेना बहुत जरूरी होता है।  अगरबत्ती परफ्यूम क्या है? वे कैसा होता है? इसकी जानकारी लेने के बाद  ही हम अच्छी तरह से अगरबत्ती  में सुगंध को मिला सकते हैं।

  सबसे पहले हम अगरबत्ती परफ्यूम  क्या होता है ये समझ लेते हैं। आम इत्र से अगरबत्ती परफ्यूम थोड़ा अलग होता है। शरीर पर लगने वाले इत्र ज्यादातर एसेंशियल ऑयल से बनते हैं। कुछ इत्र केमिकल से भी बनाए जाते हैं। लेकिन ज्यादातर परंपरागत इत्र असेंशियल ऑइल से ही बनते हैं। एसेंशियल ऑयल माने किसी नैसर्गिक सुगंध वाली वस्तु का तेल। उदाहरण के लिए गुलाब की पंखुड़ियोंका डिस्टिलेशन पद्धति से तेल निकालकर   उसका सुगंध के लिए उपयोग किया जाता है। यह तेल काफी सुगंधित होता है। लेकिन इसको निकालना काफी महंगा होता है। इस लागत को देखते हुए इसका उत्पादन बहुत कम होता है। इसलिए यह तेल काफी महंगा होता है। जैसे चन्दन के तेल की  कॉस्ट पांच ग्राम के लिए ₹7000 है। और यह बढ़ती रहती है। 

अगरबत्ती परफ्यूम  बनाने के लिए इसेंशिअल ऑयल का उपयोग बहुतही कम होता है। अगरबत्ती परफ्यूम बनाने के लिए ज्यादातर एरोमा केमिकल्स का उपयोग किया जाता है। यह केमिकल रसायन शास्त्रियों द्वारा लैबोरेट्री में बनाए गए हैं जोकि एसेंशियल ऑयल जैसी खुशबू देते हैं। इनकी कीमत भी काफी कम होती है। चंदन की खुशबू एरोमा केमिकल में 500₹ kg से लेकर 5000₹ kg तक है।

 इस वजह से अगरबत्ती परफ्यूम काफी सस्ते होते हैं।  बाजार में कई कंपनियों के बने बनाए परफ्यूम अलग अलग नामों से उपलब्ध हैं। हम घर में भी परफ्यूम बना सकते हैं। अपने बने हुए परफ्यूम खास खुशबू वाले बन सकते हैं, जो कि बाजार में आपके सिवा और कहीं नहीं मिल सकते।

 अब हम कच्ची अगरबत्ती और परफ्यूम की इकोनॉमी को समझते हैं।

  1 kg प्योर परफ्यूम में साधारण तौर पर 4 kg डीइपी मिलाई जानी चाहिए।  अगरबत्ती और खुशबूदार बनाने के लिए डीइपी की मात्रा 3 kg से लेकर 2 kg तक कम कर सकते हैं; लेकिन उसमें अगरबत्ती की प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ जाती है। हम यहाँ आसानीसे  समझने के लिए 1 kg  परफ्यूम में 4 kg डीइपी मिलाने की बात लेकर चलते हैं।

 हम गर मोगरे की खुशबू वाली अगरबत्ती बना रहे हैं; तो बाजार से 500 ₹ किलो वाला किसी भी कंपनी का मोगरा परफ्यूम खरीदकर लाऐ । उसमे  4kg डीइपी मिलाते हैं। तो हमारा कुल 5 kg परफ्यूम बन जाता है। अब हमें इसी परफ्यूम से कम खुशबू वाली,  साधारण खुशबू वाली और ज्यादा खुशबू वाली अगरबत्ती बनानी है।

 कम खुशबू वाली अगरबत्ती के लिए हमें कम परफ्यूम पीने वाली कच्ची अगरबत्ती का इस्तेमाल करना है। जिसमें कोयला अधिक है और भूसा कम है। यह 1 किलो अगरबत्ती हम इस मोगरा परफ्यूम में डूबोए तो 200 ग्राम परफ्यूम पी लेती है। इस हिसाब से हमें 1kg बने हुए मोगरा परफ्यूम से 6kg  मोगरा अगरबत्ती मिलेगी। माने 5kg कच्ची अगरबत्ती  1 kg मोगरा परफ्यूम पी लेगी। तो कुल मिलाकर 6kg मोगरा अगरबत्ती बनेगी।

 हम यदि साधारण खुशबू वाली अगरबत्ती बनाना चाहते हैं तो हमें साधारण परफ्यूम पीने वाली कच्ची अगरबत्ती का उपयोग करना चाहिए। इस अगरबत्ती में कोयला पावडर और भूसा बराबर का मिलाया जाता है।  यह 1kg अगरबत्ती 300 ग्राम तक परफ्यूम पी लेती है। इस हिसाब से 900 ग्राम मोगरा परफ्यूम से 3 किलो 900 ग्राम मोगरा  अगरबत्ती बनती है। और हमारा 100 ग्राम परफ्यूम बचता है। माने 3KG कच्ची अगरबत्ती 900 ग्राम परफ्यूम पी लेती है।

 गर हम ज्यादा खुशबू वाली अगरबत्ती बनाना चाहते हैं; तो हमें ज्यादा परफ्यूम पीने वाली अगरबत्ती उपयोग में लानी पड़ेगी। इस अगरबत्ती के प्रीमिक्स पावडर में भूसा  कोयला पाउडर से ज्यादा मिलाया जाता है। यह 1 kg कच्ची अगरबत्ती साधारणतः 500 ग्राम परफ्यूम पी लेती है। माने 1kg मोगरा परफ्यूम से हमें मोटे तौर पर अगर अगरबत्ती 500 ग्राम परफ्यूम पी रही है तो 3 kg मोगरा अगरबत्ती बनेगी। 1 kg मोगरा परफ्यूम के लिए 2 kg कच्ची अगरबत्ती लगेगी और कुल 3 kg मोगरा अगरबत्ती बनेगी।

 अगरबत्ती को परफ्यूम करने का सबसे आसान तरीका

बने हुए परफ्यूम में कच्ची अगरबत्ती को ऊपर के सिरे से डुबोना चाहिए। अगरबत्ती आधे से थोड़ी ज्यादा इस परफ्यूम में डुबोकर 5 सेकंड पकड़ कर रखनी चाहिऐ। हमें परफ्यूम में एयर बबल दिखेंगे। इसका मतलब  अगरबत्ती परफ्यूम पी रही है। तुरंत ही अगरबत्ती को परफ्यूम से बाहर निकाल कर हाथ से पकडा हुआ लकड़ी वाला हिस्सा नीचे और परफ्यूम से भीगा हुआ हिस्सा ऊपर इस तरह ट्रे  में खडा रखना चाहिए। ट्रे को आधे घंटे के लिए ढक कर रखने से अगरबत्ती का बचा हुआ हिस्सा भी परफ्यूम से भीग जाएगा।  अगरबत्ती का परफ्यूम भी हवा में उड़ जाने से बचता है। अब हमारी अगरबत्ती पैकिंग के लिए तैयार है। यह काम करते समय  चेहरे पर मास्क और हाथों में दस्ताने होना जरूरी है।

शनिवार, 7 अगस्त 2021

अगरबत्ती raw material कैसे मिलाएं?

    

हमने अगरबत्ती सीखो इस कड़ी में अगरबत्ती प्रीमिक्स पाउडर बनाने के तीन फार्मूले  देखें।wood पावडर ,कोयला पावडर, ग्वार गम या जिगट इन इंग्रेडिएंट्स को मिलकर मनचाहा क्वालिटी प्रीमिक्स पाउडर बनाने की जानकारी अगरबत्ती प्रीमिक्स पाउडर कैसे बनाएं इस ब्लॉग में हमने ली। 

इन तीनों ingredients को सही ढंग से मिलाने का तरीका मालूम ना हो तो अपनी अगरबत्ती ढंग से नहीं बनेगी । अगरबत्ती के यह राॅ मटेरियल किस स्टेपस में मिलाएं इसकी जानकारी हम यहां लेंगे ।


तीनों इनग्रेडिएंट में से एक भी इनग्रेडिएंट सही ढंग से गर नहीं मिला तो अगरबत्ती टूट फूट जाती है।

 जो  व्यक्ति केवल अगरबत्ती प्रीमिक्स पाउडर बेचने का ही व्यवसाय करना चाहते हैं उनके लिए भी यह जानकारी बहुत इंपॉर्टेंट रहेगी ।अगरबत्ती के रॉ मैटेरियल के तौर पर अगरबत्ती प्रीमिक्स पाउडर बेचने का ही व्यवसाय  हम कर सकते हैं। पूरे भारत भर में इसकी काफी डिमांड है और सस्ता और क्वालिटी प्रीमिक्स पावडर हर कोई चाहता है।

क्वालिटी प्रीमिक्स पाउडर बनाने के लिए 

पहले wood पावडर,

 उसके बाद उसमें जिगट या ग्वार गम,

 और इन दोनों मिक्सर में आखरी में कोयला पावडर, 

इस स्टेपस में हमें अगरबत्ती के  राॅ मटेरियल को मिलाया जाना चाहिए ।

गलती से गर कोयले पाउडर में ग्वार गम मिलाने की कोशिश करें तो ग्वार गम सही मायने में पूरे कोयला पाउडर में नहीं मिलता।  वैसेही कोयला पावडर और wood पावडर दोनों पहले मिलाया जाए और बाद में ग्वार गम या जिगट उस में डाला जाए तो भी यह मिश्रण या प्रीमिक्स पावडर असरदार नहीं बनेगा। 

क्वालिटी प्रीमिक्स पावडर बनाने के लिए हमें पहले wood पावडर को अच्छे से छान लेना चाहिए । एकदम से न दिखने वाले बारीक छिलके अगरबत्ती मशीन में अगरबत्ती बनाते समय रॉकेट में फसकर  अगरबत्ती को नुकसान पहुंचाते है। उस वजह से हमें बार-बार रॉकेट को साफ करना पड़ता है ।और अगरबत्ती का प्रोडक्शन कम होता है। 

साफ अच्छे से छाने हुए wood पावडर में आप ग्वार गम या जिगट मिला सकते हैं। 

आप बाइंडिंग  एजेंट के तौर पर गर ग्वार गम इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे अच्छे से मिलाने के बाद यह  मिश्रण को अपनी मुट्ठी में पकड़ने की कोशिश करें ।मुट्ठी मे यह पावडर जब तक पकड़ में आता है तब तक यह माने की ग्वार गम वूड पाउडर में पूरा मिला नहीं है। जब मुट्ठी से यह  मिश्रण फिसल जाए और अपनी मुट्ठी खाली रहे तब यह मान लेना चाहिए कि आप का मिश्रण सही बना है।

 इसके बाद इसमें कोयला पाउडर डालें और दोनों पावडर  का मिश्रण उसमें मिलाये। कोयला पावडर में wood पावडर और ग्वार गम का मिश्रण मिलाना आसान होता है।  और इसकी वजह से हर पार्टिकल के पास ग्वार गम के पार्टिकल्स सही मात्रा में मिक्स हो जाते हैं ।

 जब हम अगरबत्ती बनाते हैं तो वह फुटती या टूटती नहीं।

 अब ग्वार गम की जगह हम जिगट पावडर का इस्तेमाल कर  रहे हैं ।तो wood पावडर जैसे उसे भी छान ले ।जिगट के भी बारीक कंकड़ हमारे अगरबत्ती बनाने में रोड़े अटका सकते हैं।

 ग्वार गम के उल्टा जिगट पावडर का स्वभाव होता है। ग्वार गम हम wood पावडर में तब तक मिलाते रहे जब तक हमारी मुट्ठी से यह मिश्रण पुरा फिसले नही।

जिगट पावडर वुड पावडर में तब तक मिलाते रहना चाहिए जब तक मुट्ठी  में पाउडर लेने पर  मुट्ठी के आकार का गोला ना बने। यह गोला कसा हुआ और बिना क्रैक का जब तक नहीं बनता तब तक हमें जिगट पावडर wood पाउडर में मिलाते रहना पड़ेगा।

 जब इस मिश्रण को हम अपनी मुट्ठी से बांधे और कसा हुआ गोला मिले उसके बाद ही उसमें कोयला पाउडर मिलाना चाहिए।

 कई लोग प्रीमिक्स पाउडर के रॉ मैटेरियल को मिलाने के बाद उसे थोड़ा सा पानी में भिगोकर देखते हैं। जब तक चिक्की जैसा न टूटने वाला गोला ना बने तब तक उस मिश्रण को मिलाया जाता है। पर यह बहुत समय लेने  वाली प्रक्रिया है। जिनके पास प्रीमिक्स पाउडर बनाने के बड़े प्लांट लगे हैं वह इस तरीके से  परीक्षण करते हैं।

 लेकिन वहां भी गर इसी स्टेप्स से प्रीमिक्स पाउडर का मिश्रण बनाया जाए तो उनका काफी समय बच सकता है । हमारे घरेलू अगरबत्ती उत्पादन के हिसाब से हम घर में ही हमें जितना प्रीमिक्स पाउडर लगता है उतना समय-समय पर बना सकते हैं ।

यह करते समय एक सावधानी बरतना बहुत आवश्यक है ।अगरबत्ती प्रीमिक्स पाउडर बनाते समय मास्क जरूर पहने। प्रीमिक्स पाउडर के बारीक पार्टिकल्स अपने फेफड़ों में क्षति कर सकते हैं।

प्रीमिक्स पाउडर भीगाने का तरीका

 इस तरीके से बनाया हुआ प्रीमिक्स पावडर हम तुरंत उपयोग में ला सकते हैं। 

 मशीन अगरबत्ती बनाने के लिए इस प्रीमिक्स पाउडर में 700 ग्राम पानी डालें। यह पानी एकदम से पावडर में सोकता नहीं।  उसे हाथ से थोड़ा मलने के बाद भी काफी सारा सूखा पाउडर रहता है।

 इस पावडर को अगरबत्ती मशीन में डालने के बाद मशीन की रोटेशन की वजह से यह प्रीमिक्स पाउडर बाद में पानी में अच्छी तरह मिल जाता है। 

पानी की मात्रा जरा भी ज्यादा होने पर मशीन के पिस्टन  के दबाव से अगरबत्ती स्टिक को अगरबत्ती का गिला पाउडर नहीं चिपकता और रॉकेट से प्रीमिक्स पाउडर के फव्वारे निकलते हैं।

मौसम को देखकर भी पानी को थोड़ा कम ज्यादा   करना पड़ता है । हम जितना ज्यादा प्रीमिक्स पाउडर को हैंडल करते हैं उतना ही हमें  प्रीमिक्स पावडर पर मौसम के असर का अंदाजा आने लगता है ।

बरसात में हवा गीली होने की वजह से पावडर भिगोने के लिए पानी थोड़ा कम भी डालें तो चलता है। 

 धूपकाले में गर्म हवा होने की वजह से पानी थोड़ा ज्यादा माने 750 ग्राम तक डालना चाहिए । इस वजह से प्रीमिक्स पावडर जल्दी सूखेगा नहीं। 

हैंड रोल अगरबत्ती के प्रीमिक्स पावडर भिगोने के लिए काफी मात्रा में पानी डाला जाता है। हाथ से रगड़ने के लिए प्रीमिक्स पावडर  काफी ढीला और गिला भिगोया जाता है।

गुरुवार, 29 जुलाई 2021

अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर कैसे बनाते हैं

  

अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर कैसे बनाते है?


अगरबत्ती बनाने के लिएpremix powder  की जानकारी होना आवश्यक है। अगरबत्ती का प्रीमिक्स पावडर कई तरह का आता है। उसमे सफेद पावडर,ब्राउन पावडर,रंगीन पावडर और काला पावडर आदि प्रमुख प्रकार है ।

ज्यादातर  अगरबत्ती के लिए काला पावडर इस्तेमाल किया जाता है। काली अगरबत्ती के प्रीमिक्स पावडर में कोयला, भूसा, जिगट या ग्वार गम आदि को मिलाया जाता है। इनके सही मापन से बने मिश्रण को काली अगरबत्ती का प्रीमिक्स पावडर कहते हैं।  'अगरबत्ती सीखो' इस कड़ी में हम अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर केformulas को सीखेंगे। प्रीमिक्स पावडर के फार्मूले को समझने के बाद हम खुद घर में ही प्रीमिक्स पावडर बना सकते हैं। यह बाजार से बने प्रीमिक्स पावडर से काफी सस्ता पड़ता है।

यहां हम 

  • अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर के इनग्रेडिएंट्। 
  • पावडर के अलग-अलग फॉर्मूले ।
  • क्वालिटी अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर। 
आदि विषयोंं की जानकारी लेेंगे । 

agarbatti premix powder
Quality agarbatti premix powder


अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर के इनग्रेडिएंट्स

काली अगरबत्ती प्रीमिक्स पाउडर मे कोयला पावडर, लकड़ी का भूसा, ग्वार गम या जिगट पावडर आदी मुख्यingredients  हैं। 

लकड़ी का भूसा।

 इसमें इस्तेमाल किए जाने वाला  लकड़ी का भूसा अगरबत्ती में परफ्यूम की खुशबू पकड़कर रखने का काम करता है। परफ्यूम लकड़ी के भूसे की कोशिकाओं में सोक लिया जाता है। अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर में जितना अधिक भूसा हो  उतनी अधिक अगरबत्ती परफ्यूम खिच लेती है। अगरबत्ती जितनी ज्यादा perfume पीती है उतनी ही गहरी और ज्यादा खुशबू देती है; और यह प्रीमिक्स पावडर में  कितना भूसा मिलाया जाता है इस पर निर्भर होता है।

 सागवान की लकड़ी का भूसा सफेद होता है। उससे बना हुआ प्रीमिक्स पावडर गिला करने के बाद भी दूसरे दिन बासा नहीं होता। उसमे बदबू नहीं आती। हालांकि प्रीमिक्स पावडर जिस दिन भिगोया है ,उसी दिन इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन किंतु -परंतु सागवान के भूसे से भिगोया हुआ पावडर कभी बच जाता है ;तो उससे दूसरे दिन भी अच्छी अगरबत्ती बनती है। 

अलग-अलग प्रजाति के वृक्षों से बना लकड़ी का भूसा रंग में ब्राउन होता है। प्लाईवुड फैक्ट्री से निकला हुए भूसा सागवान के भूसे की तुलना में सस्ता होता है। महंगी चंदन की अगरबत्ती बनाने के लिए चंदन के भूसे का उपयोग भी लकड़ी के भूसे के जगह पर किया जाता है।

कोयला पावडर। 

अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर में कोयला पावडर अगरबत्ती को जलाए रखने के लिए मिलाया जाता है। 

कोयला पावडर  लकड़ी को जलाकर बनाया जाता है। कहीं जगह नारियल के टुकड़ों को जलाकर उसके कोयले से पावडर बनाते हैं। कोयला पावडर की वजह से अगरबत्ती जलते रहने में मदद होती है। कोयले की मात्रा कम या ज्यादा करने से अगरबत्ती वजन में हल्की या वजनदार बनती है। कोयले पावडर की मात्रा भूसे से अधिक हो तो अगरबत्ती बीच में ही बुझ जाने की संभावना अधिक होती है । कोयला पावडर में मिट्टी मिली  हो तो भी अगरबत्ती बीच में बूझ जाती है। अच्छा कोयला पावडर अगरबत्ती के परफ्यूम को जलाकर उसकी खुशबू दूर तक फैलाता है।


ग्वार गम पावडर। 

ग्वार गम एक चिकनी सफेद पावडर होती है। यह गवार की फल्ली की बीजों से बनती है। इसका उपयोग औषधि निर्माण, विस्फोटक सामग्री, खाद्यान्न आदि में किया जाता है। यह एक सस्ता बाइंडिंग एजेंट है। कई पदार्थों को एक साथ जोड़े रखने में काफी कारगर सिद्ध हुआ है।

 अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर में कोयले एवं भूसे को जोड़े रखने में यह मदद करता है।  कोयले और भूसे की मात्रा के अनुरूप गवार गम को मिलाया जाता है। जिगट पावडर की तुलना में यह काफी कम मात्रा में अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर में मिलाया जाता है। इस वजह से ग्वार गम से बनी अगरबत्ती कम खर्च में बन जाती है। ग्वार गम की अच्छी और निम्न क्वालिटी की पावडर बाजार में उपलब्ध है। 1kg भूसा और 2 केजी कोयला पावडर के मिश्रण में साधारण क्वालिटी की गवार गम लगभग 120 ग्राम तक मिलाई जा सकती है। यह प्रमाण गवार गम के क्वालिटी अनुसार बदलते रहता है। यहां हम एक उदाहरण के तौर पर समझाने के लिए इस प्रमाण को दे रहे हैं । अच्छी क्वालिटी की गवार गम 1 किलो मिश्रण  को 25 ग्राम  के हिसाब से भी डाली जा सकती है।


जिगट पावडर। 

जिगट पावडर का उपयोग ग्वार गम से पहले बहुत ज्यादा किया जाता था । जिगट पावडर लिटिसी  ग्लूटोनीसा नामक पेड़ के तने से बनाया जाता है। इस पावडर में कोयले और भूसे को जोड़े रखने गुणधर्म है। इसका प्रमाण ग्वार गम से ज्यादा लगने के कारण अगरबत्ती की उत्पादन कीमत बढ़ जाती है। जहा 1kg पावडर को 25 ग्राम गवार गम लगता है वही मोटा मोटा 250 ग्राम जिगट पावडर लगने की संभावना है।  यह जिगट पावडर के क्वालिटी पर बहुत निर्भर होता है।  इसमें ऊंचे दर्जे की और निम्न दर्जे की जिगट पावडर मार्केट में मिलती है । पर्यावरण को देखते हुए जिगट पावडर का प्रयोग कम करने की पुरजोर कोशिश चल रही है।  इस पावडर के लिए अब तक लाखों वृक्षों को काटना पड़ा है| इस नुकसान की क्षति भरी नहीं जा सकती।

 प्रीमिक्स पावडर फॉर्मूला। 

 अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर बनाने का फार्मूला काफी सरल है।  इसे हम तीन प्रकार से बना सकते हैं।

  1. कम परफ्यूम पीने वाली अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर। 
  2. ज्यादा परफ्यूम पीने वाली अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर ।
  3. साधारण परफ्यूम पीने वाली अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर ।
कम परफ्यूम पीने वाली अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर का फार्मूला

इस तरह के प्रीमिक्स पावडर  से बनने वाली अगरबत्ती कम खुशबू वाली और सस्ती होती है। बड़े उत्सवों में ,छोटे बड़े मंदिरों में पूजा के लिए हर दिन इस तरह की अगरबत्ती की ज्यादा मांग होती है । 

इस प्रीमिक्स पावडर में कोयले की मात्रा ज्यादा डाली जाती है ।उदाहरण के लिए 5kg प्रीमिक्स पावडर बनाने के लिए हम 

 4 किलो कोयला पावडर 

1 kg भूसा 

और अच्छे क्वालिटी का 100 ग्राम गवार गम 

या 500 ग्राम जिगट पावडर डाल सकते हैं। 

इस प्रीमिक्स पावडर से बनी हुई अगरबत्ती वजन में ज्यादा होती है। परफ्यूम में डुबोने के बाद कम भूसा होने के कारण इसमें कम परफ्यूम खींचा जाता है। उस वजह से यह सस्ती कीमत में बन जाती है।

ज्यादा परफ्यूम पीने  वाली अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर का फार्मूला।

इस तरह के प्रीमिक्स पावडर में भूसे की मात्रा ज्यादा डाली जाती है।  इससे बनी हुई अगरबत्ती महंगे दामों में बेची जाती है ।इसमें डाले हुए भूसे की वजह से वह अगरबत्ती ज्यादा परफ्यूम खींच लेती है। ज्यादा मात्रा में परफ्यूम होने के कारण यह अगरबत्ती जलाने के बाद ज्यादा धूआ और खुशबू फैलाती है । इससे निकला हुआ धूआ काफी घना होता है।

 5 kg प्रीमिक्स पाउडर बनाने के लिए इस प्रीमिक्स पावडर में

 3 kg भूसा और

 2 kg कोयला पावडर मिलाया जाता है। 

अच्छी क्वालिटी की ग्वार गम की मात्रा 100 ग्राम 

या जिगट पावडर 500 ग्राम मिलाया जाता है। 


साधारण परफ्यूम पीने वाली या quality अगरबत्ती प्रीमिक्स पावडर का फार्मूला

ज्यादातर बाजार में मिलने वाली अगरबत्ती इसी तरह के पावडर से बनाई जाती है। इस प्रीमिक्स पावडर से बनी हुई अगरबत्ती  ना ज्यादा महंगी ना ज्यादा सस्ती होती है । ऊंचे परफ्यूम की मदद से इन अगरबत्ती की क्वालिटी को भी हम ऊंचा कर सकते हैं । इस अगरबत्ती प्रीमिक्स पाउडर में भूसा और कोयला पावडर सम प्रमाण में मिलाया जाता है । इसे क्वालिटी प्रीमिक्स पावडर भी कहा जाता है। 

5kg प्रीमिक्स पाउडर बनाने के लिए इसमें

 ढाई किलो भूसा पावडर 

और ढाई किलो कोयला पावडर मिलाया जाता है। 

 अच्छी क्वालिटी का 100 ग्राम ग्वार गम 

या 500ग्राम जिगट पावडर इसमें डाल सकते हैं। 

प्रीमिक्स पावडर के  फॉर्म्युला का इस्तेमाल करके हम घर में ही प्रीमिक्स पावडर बनाने का उद्योग शुरू कर सकते हैं।  अगरबत्ती के बिजनेस मे प्रीमिक्स पावडर की काफी मात्रा में डिमांड रहती है। खुद का अगरबत्ती बनाने का बिजनेस हो तो अपना बनाया हुआ प्रीमिक्स पावडर हमारी लागत में कटौती भी ला सकता है।  इससे हमें ज्यादा मुनाफा मिलता है।




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